सोमवार, 24 अगस्त 2020

श्री राधाकृष्ण की सुंदर लीला जिसे सुनकर आप का हृदय भी तड़प उठेंगे

 राधे राधे भक्त प्रेमियों मेरा चैनल सब्सक्राइब करें कथा पसंद आए तो लाइक और शेयर और कमेंट अवश्य करें आज का मेरा विषय राधेकृष्ण की एक अत्यंत रसीली मनमोहक और आनंदित कथा लेकर आई हूं जो आपके हृदय से हां कृष्ण हां राधे कहने के लिए मजबूर कर देगी राधे कृष्ण की लीला आध्यात्मिक रस में डूबी आनंदमई लीला है मेरे बोलने में अगर कोई त्रुटि हो तो माफ करना

राधे कृष्ण  की कृपा से यह कथाएं भी अवश्य सुने

भगवान जगन्नाथ जब संत की स्वयं सेवा करने आते थे सत्य कथा
https://youtu.be/JhHeFjf3uYE

राधे राधे नाम की महिमा की बहुत ही सुंदर कथा अवश्य सुने
https://youtu.be/zpTGcNXFFmQ

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शनिवार, 30 मई 2020

हर कार्य की सिद्धि होती है कामिका एकादशी कथा और महत्व

ॐ गं गणपतये नमः 

जय श्रीकृष्ण मित्रों ! आज कामिका एकादशी है जानते है इस का महत्व 

कामिका एकादशी


युधिष्ठिर ने पूछा : गोविन्द ! वासुदेव ! आपको मेरा नमस्कार है ! श्रावण (गुजरात महाराष्ट्र के अनुसार आषाढ़) के कृष्णपक्ष में कौन सी एकादशी होती है कृपया उसका वर्णन कीजिये ।

भगवान श्रीकृष्ण बोले : राजन् ! सुनो । मैं तुम्हें एक पापनाशक उपाख्यान सुनाता हूँजिसे पूर्वकाल में ब्रह्माजी ने नारदजी के पूछने पर कहा था ।

नारदजी ने प्रशन किया : हे भगवन् ! हे कमलासन ! मैं आपसे यह सुनना चाहता हूँ कि श्रवण के कृष्णपक्ष में जो एकादशी होती हैउसका क्या नाम हैउसके देवता कौन हैं तथा उससे कौन सा पुण्य होता हैप्रभो ! यह सब बताइये ।

ब्रह्माजी ने कहा : नारद ! सुनो । मैं सम्पूर्ण लोकों के हित की इच्छा से तुम्हारे प्रश्न का उत्तर दे रहा हूँ । श्रावण मास में जो कृष्णपक्ष की एकादशी होती हैउसका नाम कामिका’ है । उसके स्मरणमात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है । उस दिन श्रीधरहरिविष्णुमाधव और मधुसूदन आदि नामों से भगवान का पूजन करना चाहिए ।

भगवान श्रीकृष्ण के पूजन से जो फल मिलता हैवह गंगाकाशीनैमिषारण्य तथा पुष्कर क्षेत्र में भी सुलभ नहीं है । सिंह राशि के बृहस्पति होने पर तथा व्यतीपात और दण्डयोग में गोदावरी स्नान से जिस फल की प्राप्ति होती हैवही फल भगवान श्रीकृष्ण के पूजन से भी मिलता है ।

जो समुद्र और वनसहित समूची पृथ्वी का दान करता है तथा जो कामिका एकादशी’ का व्रत करता हैवे दोनों समान फल के भागी माने गये हैं ।

जो ब्यायी हुई गाय को अन्यान्य सामग्रियोंसहित दान करता हैउस मनुष्य को जिस फल की प्राप्ति होती हैवही कामिका एकादशी’ का व्रत करनेवाले को मिलता है । जो नरश्रेष्ठ श्रावण मास में भगवान श्रीधर का पूजन करता हैउसके द्वारा गन्धर्वों और नागोंसहित सम्पूर्ण देवताओं की पूजा हो जाती है ।

अत: पापभीरु मनुष्यों को यथाशक्ति पूरा प्रयत्न करके कामिका एकादशी’ के दिन श्रीहरि का पूजन करना चाहिए । जो पापरुपी पंक से भरे हुए संसारसमुद्र में डूब रहे हैंउनका उद्धार करने के लिए कामिका एकादशी’ का व्रत सबसे उत्तम है । अध्यात्म विधापरायण पुरुषों को जिस फल की प्राप्ति होती हैउससे बहुत अधिक फल कामिका एकादशी’ व्रत का सेवन करनेवालों को मिलता है ।
कामिका एकादशी’ का व्रत करनेवाला मनुष्य रात्रि में जागरण करके न तो कभी भयंकर यमदूत का दर्शन करता है और न कभी दुर्गति में ही पड़ता है ।

लालमणिमोतीवैदूर्य और मूँगे आदि से पूजित होकर भी भगवान विष्णु वैसे संतुष्ट नहीं होतेजैसे तुलसीदल से पूजित होने पर होते हैं । जिसने तुलसी की मंजरियों से श्रीकेशव का पूजन कर लिया हैउसके जन्मभर का पाप निश्चय ही नष्ट हो जाता है ।

या दृष्टा निखिलाघसंघशमनी स्पृष्टा वपुष्पावनी
रोगाणामभिवन्दिता निरसनी सिक्तान्तकत्रासिनी ।
प्रत्यासत्तिविधायिनी भगवत: कृष्णस्य संरोपिता
न्यस्ता तच्चरणे विमुक्तिफलदा तस्यै तुलस्यै नम: ॥

जो दर्शन करने पर सारे पापसमुदाय का नाश कर देती हैस्पर्श करने पर शरीर को पवित्र बनाती हैप्रणाम करने पर रोगों का निवारण करती हैजल से सींचने पर यमराज को भी भय पहुँचाती हैआरोपित करने पर भगवान श्रीकृष्ण के समीप ले जाती है और भगवान के चरणों मे चढ़ाने पर मोक्षरुपी फल प्रदान करती हैउस तुलसी देवी को नमस्कार है ।

जो मनुष्य एकादशी को दिन रात दीपदान करता हैउसके पुण्य की संख्या चित्रगुप्त भी नहीं जानते । एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के सम्मुख जिसका दीपक जलता हैउसके पितर स्वर्गलोक में स्थित होकर अमृतपान से तृप्त होते हैं । घी या तिल के तेल से भगवान के सामने दीपक जलाकर मनुष्य देह त्याग के पश्चात् करोड़ो दीपकों से पूजित हो स्वर्गलोक में जाता है ।

भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं : युधिष्ठिर ! यह तुम्हारे सामने मैंने कामिका एकादशी’ की महिमा का वर्णन किया है । कामिका’ सब पातकों को हरनेवाली हैअत: मानवों को इसका व्रत अवश्य करना चाहिए । यह स्वर्गलोक तथा महान पुण्यफल प्रदान करनेवाली है । जो मनुष्य श्रद्धा के साथ इसका माहात्म्य श्रवण करता हैवह सब पापों से मुक्त हो श्रीविष्णुलोक में जाता है


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