उर्दू के प्रसिद्ध शायर ख्वाजा दिल मोहम्मद जी ने भी सरल उर्दू पद में श्री गीता जी का श्लोकशः अनुवाद किया है। वंदनीय सदगुरुदेव "स्वामी श्रीगीतानंद जी महाराज" के दिशा निर्देशन में बड़ी श्रद्धा और लग्नता पूर्वक श्रीगीता जी के अध्यन - अध्यापन व प्रचार - प्रसार का कार्य सुचारू रूप से हो रहा है। गुरूजी के आशीर्वाद से ये छोटा सा प्रयास है हमारी तरफ से गीता जी का उर्दू पद्यानुवाद पर प्रकाश डालने की कोशिश की गई है। आशा है कि ये गीता प्रेमियो में दिव्य रस का संचार करता हुआ उन्हें आध्यात्मिक मंज़िलो तक ले जाएगा।
ॐ श्रीपरमात्मने नमः।
"अर्जुनविषादयोग"
प्रथम अध्याय
धृतराष्ट्र उवाच -
कुरुक्षेत्र की धर्मभूमि पे जब, मिले पडुवो से मेरे लाल सब।
लड़ाई का दिल में जमाये ख्याल, तो संजय बता उन का सब हालचाल?। १।
संजय उवाच -
महाराज ! आई नज़र जिस घडी, सफ़ - ए आरासपह पाण्डवो कि खड़ी।
गये राजा दुर्योधन उठ कर शिताब, किया जा के अपने गुरु से खिताब। २।
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